दीपावली की रहस्यमयी कथा- Deepawali 2024

अलक्ष्मी का नाश और लक्ष्मी का आगमन- Deepawali 2024

दीपावली की रहस्यमयी कथा- Deepawali 2024

दीपावली की रहस्यमयी कथा- Deepawali 2024

यह दीपावली की रहस्यमयी कथा- Deepawali 2024 दीपावली के दिन माँ लक्ष्मी की पूजा क्यों की जाती है के बारे मे है I बहुत समय पहले, जब देवताओं और असुरों का युद्ध चरम पर था, सृष्टि के संतुलन को बनाए रखने के लिए *समुद्र मंथन* का आयोजन किया गया। इस मंथन में कई रत्नों और अमूल्य वस्तुओं का प्रकट होना था। देवता और असुर, दोनों समुद्र मंथन के माध्यम से अमृत की प्राप्ति करना चाहते थे, जिससे उन्हें अमरत्व का वरदान मिल सके।
समुद्र मंथन के दौरान अनेक दिव्य रत्नों के साथ देवी लक्ष्मी प्रकट हुईं, जो सौंदर्य, समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी मानी जाती हैं। उनका आना ऐसा था जैसे अंधकार में प्रकाश का आना, उनके कदमों से आकाश में फूलों की वर्षा होने लगी, और उनके रूप की छवि ने चारों ओर दिव्य आभा फैला दी। सभी देवता और असुर उनके रूप और उनकी महिमा को देखकर मोहित हो गए।

 

लेकिन मंथन के दौरान एक और शक्ति का प्रकट होना हुआ – *अलक्ष्मी* का, जो दरिद्रता, कलह और अंधकार की देवी मानी जाती थीं। जहां लक्ष्मी देवी के साथ धन, समृद्धि और सुख का निवास होता है, वहीं अलक्ष्मी के साथ दुर्भाग्य, कलह और दुख का। अलक्ष्मी के आते ही चारों ओर अंधकार छा गया और लोगों के हृदयों में द्वेष और कड़वाहट भर गई।

देवताओं ने देखा कि अलक्ष्मी के प्रकट होने से चारों ओर नकारात्मकता फैल रही है। वे चिंतित हो गए कि यदि इस अंधकार और दरिद्रता का नाश नहीं हुआ, तो संसार में कभी भी सुख और शांति नहीं आ सकेगी। तब देवी लक्ष्मी ने सबको समझाया कि *अलक्ष्मी* का नाश केवल आस्था, प्रेम और सत्कर्मों के दीप जलाने से ही संभव है।

लक्ष्मी ने दिया दीपावली का संदेश

देवी लक्ष्मी ने इस दीपावली की रहस्यमयी कथा- Deepawali 2024 मे  देवताओं को आदेश दिया कि वे अपने-अपने घरों और मंदिरों में दीप जलाएँ, ताकि अंधकार का नाश हो और संसार में ज्ञान और प्रेम का प्रकाश फैले। इस प्रकार देवताओं ने चारों ओर दीपों की मालाएँ सजाईं और हर स्थान पर अंधकार को दूर करते हुए दिव्यता का प्रकाश फैलाया।

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लक्ष्मी ने घोषणा की कि जब तक लोग अपने घरों और हृदयों में सच्चाई, करुणा और प्रेम का दीप जलाते रहेंगे, तब तक वह स्वयं उनके घरों में निवास करेंगी। परंतु, जहाँ लोभ, ईर्ष्या और नकारात्मकता का वास होगा, वहाँ अलक्ष्मी का प्रभाव रहेगा। तभी से, हर साल दीपावली के दिन लोग अपने घरों को स्वच्छ करके दीयों से सजाते हैं और देवी लक्ष्मी का स्वागत करते हैं, ताकि उनके घरों में सुख, शांति और समृद्धि का वास हो सके।

अलक्ष्मी का नाश

दीपावली की रात को, हर घर में दीयों की मालाओं का प्रकाश फैलाने का अर्थ केवल बाहरी अंधकार को मिटाना ही नहीं, बल्कि अपने भीतर के नकारात्मक विचारों और भावनाओं को भी दूर करना है। जो भी व्यक्ति इस रात को अपने मन और हृदय को प्रेम, करुणा और सत्कर्मों से रोशन करता है, उसके जीवन में लक्ष्मी का स्थायी निवास होता है। यही कारण है कि दीपावली की रात को माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती है, ताकि हम अलक्ष्मी के प्रभाव से दूर रह सकें और लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।

उस रात का अद्भुत दृश्य

जब हर घर में दीयों का प्रकाश फैलने लगा, तो धरती पर ऐसा प्रतीत हुआ मानो स्वर्ग उतर आया हो। अंधकार का नाश हो चुका था और लक्ष्मी का आगमन हर घर में हो रहा था। अलक्ष्मी का प्रभाव दूर हो गया, और लोगों के चेहरों पर मुस्कान और शांति का अनुभव होने लगा।

यह दीपावली की रहस्यमयी कथा- Deepawali 2024 हमें यह सिखाती है कि दीपावली केवल घरों को दीयों से सजाने का पर्व नहीं, बल्कि अपने भीतर की बुराइयों, नकारात्मकता और द्वेष को दूर करने का पर्व है। जब हम सच्चे दिल से अपने मन का अंधकार मिटाते हैं, तब ही माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद हमारे जीवन में आता है और हम सच्ची समृद्धि और शांति का अनुभव करते हैं।

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