Moral Story In Hindi- जीवन का असली अर्थ

Moral Story In Hindi- जीवन का असली अर्थ 

Moral Story In Hindi
Moral Story In Hindi

Moral Story In Hindi- जीवन का असली अर्थ

आज की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी मे हम अपने लक्ष्यों और सपनों की ओर इतना केन्द्रित हो गए हैं कि जीवन के सच्चे आनंद को भूल गए हैं I यह Moral Story In Hindi आपको लाइफ के सच्चे आनंद के बारे मे बताएगी I

प्राचीन काल की बात है I एक छोटे से गाँव मे एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु रहते थे, जिनके पास दूर-दूर से लोग अपने सवालों के जवाब पाने आते थे I उनके शिष्यों मे एक नौजवान था जिसका नाम सहदेव था I सहदेव बहुत ही होशियार और जिज्ञासु था, लेकिन उसे एक बात का उत्तर नहीं मिल पा रहा था I उसे हमेशा यह महसूस होता कि लोग संसार मे किसी लक्ष्य को पाने के लिये इतने संघर्ष क्यों करते हैं, जब सब कुछ अस्थायी है ?

एक दिन सहदेव ने अपने गुरु जी से कहा, “गुरुदेव, मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि संसार की मोह-माया मे लोग इतने उलझे क्यों रहते है I अगर सब कुछ एक दिन समाप्त होना है, तो इतनी मेहनत करने का क्या लाभ ?” यह Moral Story In Hindi सहदेव की उत्सुकता को दर्शाती है I

गुरूजी मुस्कुराये और बोले, “तुम्हारे प्रश्न का उत्तर तुम्हे खुद ही खोजना होगा, लेकिन इसके लिये तुम्हे एक कार्य करना होगा I”

सहदेव ने उत्सुकता से कहा, “जो भी कार्य होगा, मैं उसे करने के लिये तैयार हूँ I”

गुरूजी ने कहा, “तुम्हे एक छोटा सा दीपक लेकर पर्वत की ऊँची चोटी पर जाना है I लेकिन ध्यान रहे, यह दीपक रास्ते मे बुझना नहीं चाहिए I”

सहदेव ने दीपक लिया और पर्वत की चोटी की ओर चल पड़ा I रास्ता बहुत कठिन था, लेकिन सहदेव दीपक को ध्यान से पकडे हुए बढ़ता गया I ठंडी हवा, चट्टानों और घने जंगलों से गुजरते हुए वह दीपक को बचाने के लिये पूरी कोशिश करता रहा I कई बार लगा कि दीपक बुझ जायेगा, लेकिन उसने अपनी पूरी ताकत लगा दी ताकि दीपक जलता रहे I आखिरकार, कई घंटे की कठिन यात्रा के बाद वह पर्वत की चोटी पर पहुँच गया I

वहां पहुंचते ही सहदेव ने राहत की साँस ली और दीपक को देखने लगा I उसे एहसास हुआ कि उसने पूरी यात्रा मे केवल दीपक पर ही ध्यान केन्द्रित किया था, और वह रास्ते के सभी सुन्दर नजारों को देखना ही भूल गया I उसे याद आया कि वह पर्वत पर कई अद्भुत दृश्य और पक्षियों की चहचहाहट के बीच से गुजरा था, लेकिन दीपक को बचाने मे इतना खो गया था कि वह इन सभी चीजों को देखने से चूक गया I

सहदेव वापस गुरूजी के पास पहुंचा और अपनी यात्रा का अनुभव साझा किया I उसने कहा, “गुरुदेव, दीपक को बचाने के चक्कर मे मैं रास्ते के सभी सुन्दर नज़ारे देखना भूल गया I मुझे यह समझ नहीं आया कि मैंने यात्रा मे क्या खोया I”

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गुरूजी ने मुस्कुराते हुए कहा, “यही तो जीवन की सच्चाई है, सहदेव I हम सभी अपने-अपने दीपक को लेकर चलते है, जो हमारे लक्ष्य, जिम्मेदारियां और सपने हैं I लेकिन इस यात्रा मे हम कई बार इतना खो जाते हैं कि आसपास की सुन्दरता, प्रेम, खुशियाँ और रिश्तों का आनंद लेना भूल जाते हैं I अगर तुम केवल लक्ष्य की ओर भागोगे और जीवन के छोटे-छोटे पलों का आनंद नहीं लोगे, तो जीवन के असली सुख से वंचित रह जाओगे I”

गुरूजी की बात सहदेव के दिल को छू गयी I उसने समझा कि जीवन का अर्थ केवल लक्ष्य को पाना ही नहीं है, बल्कि हर पल को पूरी तरह से जीना भी है I गुरूजी ने आगे कहा, “संसार मे भले ही सब कुछ अस्थायी है , लेकिन यहाँ के अनुभव, रिश्ते और खुशियाँ स्थायी प्रभाव छोड़ जाते हैं I अगर हम केवल अपने लक्ष्यों मे खोये रहेंगे, तो यह सुन्दर जीवन हमसे छूट जायेगा I”

सीख : इस Moral Story In Hindi से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन मे लक्ष्य का महत्व है, लेकिन उससे भी ज्यादा जरुरी है हर छोटे-छोटे पलों का आनंद लेना I जीवन का आनंद उन रिश्तों, खुशियों और अनुभवों मे छुपा होता है जो हमें जीवन की यात्रा मे मिलते हैं I यदि हम केवल लक्ष्य पर ध्यान देंगे, तो इस सुन्दर यात्रा का असली सुख खो देंगे I

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