Panchtantra Ki Kahani- चतुर कबूतर

Panchtantra Ki Kahani- चतुर कबूतर
यह Panchtantra Ki Kahani एक कबूतर की बुद्धिमानी को दर्शाती है I बहुत समय पहले की बात है, एक घने जंगल के पास एक बड़ा सा पेड़ था, जहाँ एक चतुर कबूतर अपने परिवार के साथ रहता था। कबूतर बुद्धिमान था और हर परिस्थिति में खुद को बचाने का हुनर जानता था। एक दिन कबूतर के परिवार को एक भयानक संकट का सामना करना पड़ा।
जंगल के उस इलाके में एक शिकारी आया। वह कबूतरों को पकड़कर शहर में बेचता था। उसने पेड़ के नीचे कुछ दाने बिखेर दिए और उन पर एक बड़ा सा जाल फैला दिया। कबूतर का परिवार जब सुबह भोजन की तलाश में निकला, तो पेड़ के नीचे पड़े दानों को देखकर बहुत खुश हुआ।
कबूतर का छोटा भाई दानों को देखकर खुशी से चहचहाने लगा और कहा, “भैया, देखो कितने सारे दाने पड़े हैं! चलो जल्दी से खाने चलते हैं।”
चतुर कबूतर ने नीचे झाँककर देखा और तुरंत समझ गया कि कुछ गड़बड़ है। उसने अपने छोटे भाई और परिवार के अन्य कबूतरों को चेतावनी दी, “रुको! ये दाने तो बहुत ही अच्छे लग रहे हैं, पर शायद ये हमारी परीक्षा है। कहीं ये शिकारी का जाल तो नहीं है?” यहाँ पर यह Panchtantra Ki Kahani कबूतर की दूरदर्शिता को दिखाती है I
लेकिन छोटे कबूतरों ने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया और जल्दी-जल्दी नीचे उतर गए और फौरन दाने खाने में लग गए। चतुर कबूतर ने उन्हें रोकने की पूरी कोशिश की, पर वे नहीं माने। जैसे ही उन्होंने दाने खाना शुरू किया, सभी कबूतर शिकारी के जाल में फँस गए और फड़फड़ाने लगे।
अब शिकारी ने उन्हें फंसा देखकर अपनी योजना पूरी होती देखी और खुश हो गया। चतुर कबूतर को पता था कि अगर समय रहते उसने कुछ नहीं किया, तो उसके परिवार को शिकारी पकड़ लेगा। उसने तुरंत एक योजना बनाई और नीचे आकर फंसे हुए कबूतरों से कहा, “डरो मत, मैं तुम सबको इस जाल से बाहर निकालने का एक रास्ता बताता हूँ।”
सभी कबूतर उसे ध्यान से सुनने लगे। चतुर कबूतर ने कहा, “हम सभी एक साथ अपने पंख फड़फड़ाएंगे और जाल को ऊपर उठाएंगे। शिकारी हमें एक साथ नहीं पकड़ पाएगा, और हम आसानी से जाल सहित उड़ सकते हैं।”
ये भी पढ़े >> दोस्ती का मतलब
सभी कबूतरों ने उसकी बात मानी और एकजुट होकर अपने पंख फड़फड़ाने लगे। थोड़ी ही देर में जाल धीरे-धीरे ऊपर उठने लगा और कबूतर उसे लेकर आकाश में उड़ गए। शिकारी यह देखकर हैरान और निराश हो गया, क्योंकि उसकी पूरी योजना विफल हो गई थी। वह दौड़ता हुआ उनके पीछे जाने की कोशिश करने लगा, लेकिन कबूतर बहुत ऊंचाई पर उड़ चुके थे।
चतुर कबूतर ने जाल को काटने के लिए अपने मित्र चूहे के पास जाने का सुझाव दिया। सभी कबूतर जाल सहित उड़ते हुए चूहे के बिल के पास पहुँचे। चूहे ने अपने दांतों से जाल काट दिया और सभी कबूतरों को आज़ाद कर दिया।
सभी कबूतरों ने चतुर कबूतर को धन्यवाद दिया और कहा, “अगर तुम नहीं होते तो हम सब शिकारी का शिकार बन गए होते। आज तुम्हारी बुद्धिमानी और समझदारी ने हमें बचा लिया।”
चतुर कबूतर मुस्कुराते हुए बोला, “मित्रों, संकट में धैर्य और समझदारी ही सबसे बड़ा हथियार होता है। हमें हमेशा मिलजुल कर काम करना चाहिए, तभी हम किसी भी मुश्किल का सामना कर सकते हैं।”
उस दिन से सभी कबूतरों ने एक-दूसरे का साथ निभाने का संकल्प लिया और मिलकर रहने लगे। इस तरह चतुर कबूतर ने अपनी बुद्धिमानी से न केवल अपने परिवार को बचाया बल्कि जंगल में एकता और समझदारी का एक नया पाठ भी सिखाया।
शिक्षा : इस Panchtantra Ki Kahani से हमें यह सीख मिलती है कि धैर्य , समझदारी और एकजुट रहकर बड़ी से बड़ी समस्या से निपटा जा सकता है I